आचार्य महंत कन्हैयादास जी रामायणी
विश्व की प्राचीनतम आर्ष ग्रन्थ में वेद का नाम आता है। वेद भगवान का साक्षात् वाङमय स्वरूप है। वेद की मान्यताओं द्वारा ही हम सब धर्म के शाश्वत सिद्धांतों का प्रतिपादन करते हैं। (यह पृष्ठ अभी विकासाधीन है)